समाचार पत्रों में केरल में हाथियों के बेहाली से मारे जाने के समाचार, पाइनेपल में विस्फोटक खिला कर गर्भवती हथिनी की हत्या की शर्मनाक घटना व सर्वाधिक शिक्षित प्रदेश होने के ठप्पे के संदर्भ में अवश्य पढ़िए.....
वास्तविक शिक्षित कौन???
टी एन शेषन जब मुख्य चुनाव आयुक्त थे, तो पिकनिक के लिए अपनी पत्नी के साथ उत्तर प्रदेश की यात्रा के रास्ते में उन्होंने देखा कि पेड़ों पर कई गौरैया के घोंसले बने हुए हैं..
यह देखते ही उनकी पत्नी ने अपने घर की दीवारों को सजाने के लिए दो गौरैया के घोंसले लेने की इच्छा व्यक्त की.उनके साथ चल रहे पुलिसकर्मियों ने तुरंत एक छोटे से लड़के को बुलाया, जो वहां मवेशियों को चरा रहा था.उसे पेड़ों से दो गौरैया के घोंसले लाने के लिए कहा. श्री शेषन ने इसके लिए लड़के को 10 रुपये देने की पेशकश की. लड़के के इनकार करने पर श्री शेषन ने बढ़ा कर ₹ 50/ देने की पेशकश की फिर भी लड़के ने हामी नहीं भरी.
पुलिस ने तब लड़के को धमकी दी और उसे बताया कि श्री शेषन एक उच्च पदस्थ अधिकारी हैं और तुझे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. लड़का तब श्रीमती और श्री शेषन के पास गया और कहा, "साहब, मैं ऐसा नहीं कर सकता। उन घोंसलों में गौरैया के अंडे और छोटे बच्चे हैं। अगर मैं आपको दो घोंसले दूं, तो जो गौरैया अपने बच्चों के लिए भोजन की तलाश में बाहर गई हुई है जब वह वापस आएगी तो बच्चों को नहीं देखेगी तो बहुत दुःखी होगी जिसे में सहन नहीं कर सकता ".
यह सुनकर शेषन दंग रह गए।
शेषन ने कहा, "मेरी स्थिति, शक्ति और आईएएस की डिग्री सिर्फ उस छोटे, अनपढ़ मवेशी चराने वाले लड़के द्वारा बोले गए शब्दों के सामने पिघल गई ". "घोंसले की इच्छा करने और घर लौटने के बाद, मुझे उस घटना के कारण अपराध की गहरी भावना का सामना करना पड़ा".
शिक्षा और महंगे कपड़े मानवता की शिक्षा दे ही दे यह आवश्यक नहीं हैं,यह तो भीतर के संस्कारों से पनपती हैं जिसका शिक्षा,आयु या लिंग से कोई जुड़ाव नहीं हैं।