लक्षणों की शुरुआत के पांच से सात दिन बाद कुछ मरीजों को सांस लेने में परेशानी की शिकायत होने लगती है. ऐसा तब होता है जब न्यूमोनिया हो जाता है जिसके चलते फेफड़ों में ठोस बलगम जमा हो जाता है. यह रक्त वाहिकाओं यानी वहां मौजूद खून की नलियों में ऑक्सीजन के ट्रांसफर को रोकने लगता है. ऐसे में डॉक्टरी मदद जरूरी हो जाती है. तो हालत बिगड़ने से पहले ही डॉक्टर या किसी अस्पताल को फोन कर लें और उन्हें बताएं कि आपमें कोविड-19 की पुष्टि हो चुकी है या नहीं. अगर आपको सांस लेने में ज्यादा दिक्कत हो रही हो तो सीधे एंबुलेंस को फोन करें.