तेरी हुक़ूमत में अजीब कशमकश में गुज़र रही ज़िन्दगी ग़ालिब, दाल खा नहीं सकते और गोश्त खाने नहीं देते। ऊपर से शौचालय पर शौचालय बनवाये जा रहे हैं! जब खायेगा इंडिया तभी तो जायेगा इंडिया? आलम यह है कि ना खा रहे हैं, ना जा रहे हैं! बस स्वच्छ-भारत-टैक्स भरे जा रहे हैं! - गरीब ग़ालिब |