क्या खुदा ने मंदिर तोड़ा था या राम ने मस्जिद तोड़ी है

Talking to anchor Anjana Om Kashyap, actor and writer Ashutosh Rana recited such a wonderful poem on Hindu-Muslim unity that every line seems to go straight across the heart.

Must listen to this poem.

एंकर अंजना ओम कश्यप से बात करते हुए अभिनेता और लेखक आशुतोष राणा ने हिन्दू मुस्लिम एकता पर ऐसी जानदार कविता पढ़ी कि एक-एक लाइन सीधे दिल के पार उतर जाती मालूम होती है.


 

बांट दिया इस धरती को चाँद सितारों का क्या होगा
नदियों के नाम रखें बहती धारों क्या होगा?
और शिव की गंगा भी पानी है अबे जम जम भी पानी है
मुल्ला भी पिए पंडित भी पिए पानी का मजहब क्या होगा?


और इन फिरका परस्तों से पूछो क्या सूरज अलग बनाओगे?
एक हवा में सांस है सबकी क्या हवा भी नहीं चलाओगे।
नस्लों का करें जो बंटवारा रहबर वो कौम का ढोंगी है
और क्या खुदा ने मंदिर तोड़ा था या राम ने मस्जिद तोड़ी है।